PEHLA PYAR Lyrics - Kabir Singh | Armaan Malik
हा हाह..
बातें ज़रूरी हैं
तेरा मिलना भी ज़रूरी
मैंने मिटा देनी
ये जो तेरी मेरी दूरी
हा हाह..
हम्म बातें ज़रूरी हैं
तेरा मिलना भी ज़रूरी
मैंने मिटा देनी
ये जो तेरी मेरी दूरी
झूठी हैं वो राहें सारी दुनिया की
इश्क जहाँ ना चले
तेरा होना मेरा होना क्या होना
अगर ना दोनों मिलें
तू पेहला पेहला प्यार है मेरा
तू पेहला पेहला प्यार है मेरा
तू पेहला पेहला प्यार है मेरा
तू पेहला पेहला प्यार है मेरा हाँ..
हा हाह..
वो शेहर बड़े होंगे बोरियत भरे
रहेता नहीं जिनमें तू संग मेरे
खबर तुझे भी है ये
रौनकें सभी होती तेरे होने से
तेरे बिना तन्हा कोई क्या करे..
ऐसे सभी शेहरों पे मुझको
तरस है आता बड़ा
तेरे लिए मैं ना जहां खड़ा ओ..
मीलों का हो सालों का हो चाहे वो
सफ़र की परवाह नहीं
तू है जहाँ मैंने वहाँ होना है
पहुच है जाना वहीं
तू पेहला पेहला प्यार है मेरा
तू पेहला पेहला प्यार है मेरा
तू पेहला पेहला प्यार है मेरा
तू पेहला पेहला प्यार है मेरा
जीते जी तो जीतेगा ना
ये फासला है पता
सासें चलें तेरी तरफ
जैसे चले रास्ता
मेरा है तू, तू है खलिश
या है ख़ुशी या खता
तेरे सिवा मेरा जहां से ना कोई वास्ता.
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