Satguru nanak pargateya lyrics

 Satguru nanak pargateya lyrics

सतिगुरु नानकु प्रगटिआ मिटी धुंधु जगि चानणु होआ,
सतिगुरु नानकु प्रगटिआ ....

जिउ करि सूरजु निकलिआ तारे छिपे अंधेरु पलोआ,
सिंघु बुके मिरगावली भंनी जाइ न धीरि धरोआ,
सतिगुरु नानकु प्रगटिआ ....

जिथे बाबा पैरु धरे पूजा आसणु थापणि सोआ,
सिधासणि सभि जगति दे नानक आदि मते जे कोआ,
सतिगुरु नानकु प्रगटिआ ....

घरि घरि अंदरि धरमसाल होवै कीरतनु सदा विसोआ,
बाबे तारे चारि चकि नउ खंडि प्रिथवी सचा ढोआ,

गुरमुखि कलि विचि परगटु होआ॥

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